Personal Opinion

सुप्रीम कोर्ट का हार्दिक फैसला, अगर पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक,

June 18, 2020 by Manish Gurjar

सुप्रीम कोर्ट का हार्दिक फैसला, अगर पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक, अपने माता पिता के लिए एक शेयर प्लीज़

फैसला “सुप्रीम कोर्ट” का…. शानदार फैसला, अगर पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक……. ! सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति को उसके बूढ़े मां-बाप से अलग रहने को मजबूर करती है तो उसे उसका पति तलाक दे सकता है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिन्दू लॉ के मुताबिक कोई भी महिला किसी भी बेटे को उसके मां-बाप के प्रति पवित्र दायित्वों के निर्वहन से मना नहीं कर सकती है।

जस्टिस अनिल आर दवे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने कहा कि एक महिला शादी के बाद पति के परिवार की सदस्य बन जाती है। वह इस आधार पर उस परिवार से अपने पति को अलग नहीं कर सकती है कि वो अपने पति की आय का पूरा उपभोग नहीं कर पा रही है।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि माता-पिता से अलग रहने की पश्चिमी सोच हमारी सभ्यता-संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है। कोर्ट ने कर्नाटक की एक दंपत्ति के तलाक की अर्जी को मंजूरी देते हुए ये टिप्पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट में लिखा है, भारत में हिन्दू परिवारों में न तो यह सामान्य बात है और न ही प्रचलन में है कि कोई भी बेटा अपनी पत्नी के कहने पर शादी के बाद बूढ़े मां-बाप को छोड़ दे। खासकर तब, जब बेटा ही परिवार में एकमात्र कमाऊ सदस्य हो।

एक बेटे को उसके मां-बाप ने न केवल जन्म दिया बल्कि पाल-पोसकर उसे बड़ा किया, पढ़ाया, लिखाया। अब उसकी नौतिक और कानूनी जिम्मेवारी बनती है कि वह बूढ़े मां-बाप की देखभाल करे। खासकर तब जब उनकी आय या तो बंद हो गई है या कम हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हम सभी को स्वागत करते हुवे हम यह महत्वपूर्ण जानकारी जनहित में अधिक से अधिक लोगो को बतायें ताकि आगे से कोई भी पत्नी अपने पति को जबरदस्ती अपने माँ-बाप से अलग न कर पायें। और संयुक्त परिवार के साथ साथ हमारे भारतीय संस्कार बच सकें।

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